इस्लाम का वो कौन सा हुक्म है जिसमें मालदार शख़्स अपने माल से ग़रीबों की मदद करता है?

Islam ka wo Hukm jo Maaldar ki madad karne ko kehta

इस्लाम के पाँच सबसे ज़रूरी फ़र्ज़ अमल में एक ऐसी इबादत है जो दौलतमंद लोगों को अपने माल का एक हिस्सा ग़रीबों और ज़रूरतमंदों को देने का हुक्म देता है। ये एक ख़ास तरीक़ा है जिससे समाज में बराबरी और हमदर्दी पैदा होती है। क्या आप जानते हैं इस हुक्म को क्या कहते हैं?

सवाल: इस्लाम का वो कौन सा हुक्म है जिसमें मालदार शख़्स अपने माल से ग़रीबों की मदद करता है?

  • A. सलात
  • B. ज़कात
  • C. सौम
  • D. हज

सही जवाब है: ऑप्शन B , ज़कात

तफ़सील (विवरण):

सही जवाब ज़कात है। ज़कात इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है, जिसमें मालदार मुसलमान अपनी दौलत का एक हिस्सा ग़रीबों और ज़रूरतमंदों को देते हैं। इसका मकसद दौलत को पाक करना और समाज में बराबरी लाना है।

क़ुरान में अल्लाह तआला इरशाद फरमाता हैं: “और नमाज़ क़ायम करो और ज़कात अदा करो।”क़ुरान, सूरह बक़रह 2:110

हदीस: पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) ने फ़रमाया, “ऊपर वाला हाथ (देने वाला) नीचे वाले हाथ (लेने वाले) से बेहतर है।” (रियाद अस-सालिहीन 296)

👉 ज़कात क्या है, कौन दे और कितनी देनी चाहिए तफ़सीली जानकारी के लिए यहाँ पढ़ेज़कात क्या है ? और किसको देनी चाहिये ?

यह हदीस अल्लाह की राह में खर्च करने की फ़ज़ीलत और सवाब को उजागर करती है।

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