अगर कोई मुसलमान किसी दूसरे मुसलमान को “अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह” कहता है तो उसे कितनी नेकियाँ मिलती हैं?

इस्लाम में सलाम करना सिर्फ़ एक आदत या तहज़ीब नहीं, बल्कि एक इबादत और सवाब वाला अमल है। जब कोई मुसलमान दूसरे मुसलमान को सलाम करता है, तो वह प्यार, […]

अगर कोई मुसलमान किसी दूसरे मुसलमान को “अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह” कहता है तो उसे कितनी नेकियाँ मिलती हैं? जवाब देखे »