इस्लाम की उम्मत को अल्लाह ने बेइंतहा फ़ज़ीलतें दी हैं। कई हदीसों में बताया गया है कि उम्मते-मुहम्मद ﷺ का दर्जा पिछली तमाम उम्मतों से बढ़कर है। इस सवाल में भी वही ख़ूबसूरत हकीकत सामने आती है।
सवाल: कौन-सी उम्मत 70 उम्मतों को मुकम्मल करने वाली है?
- A. उम्मते इब्राहीम (अलैहिस्सलाम)
- B. उम्मते मूसा (अलैहिस्सलाम)
- C. उम्मते ईसा (अलैहिस्सलाम)
- D. उम्मते मुहम्मद (ﷺ)
सही जवाब है: ऑप्शन D , उम्मते मुहम्मद (ﷺ)
तफ़सील (विवरण):
📜 दलील
۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞
हदीस:
मुआविया बिन हैदा (राज़ी) से रिवायत है कि इन्होंने रसूलअल्लाह (ﷺ) को अल्लाह तआला के कौल كنتم خير أمة أخرجت للناس की तफ़सीर करते हुए सुना:
“तुम सत्तर (70) उम्मतों का तत्तिम्मा और तकमिला हो तुम अल्लाह के नज़दीक इन सब से बेहतर और सबसे ज़्यादा बाइज़्ज़त हो।”
📕 तिर्मिज़ी, हदीस 3001 — सह़ीह
✨ इससे क्या पता चलता है?
- उम्मते-मुहम्मद ﷺ को सबसे बाइज़्ज़त और बेहतर उम्मत बताया गया है।
- यह उम्मत पिछली 70 उम्मतों की “तकमील” यानी समापन है।
- यह फ़ज़ीलत अल्लाह की एक ख़ास नेमत है।



