Author name: Nashra Shaikh

नशरा शेख ummat-e-nabi.com की एक इस्लामिक कंटेंट राइटर हैं। उनका शौक़ कुरआन और हदीस से साबित इस्लामी सवाल-जवाब और ऐसे पोस्ट तैयार करना है जो उम्मत के लिए फ़ायदेमंद साबित हों। उनका मक़सद वाज़ेह और सक़ारात्मक अंदाज़ में इल्म को आम करना है।

अबू जहल कौन से ग़ज़वे में क़त्ल हुआ?

कई लोग यह जानना चाहते हैं कि इस्लाम के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक अबू जहल किस जंग में मारा गया। यह सवाल सिर्फ इतिहास नहीं, […]

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उहद की लड़ाई में वह कौन-सी दो सहाबिया थीं जो रसूल-अल्लाह ﷺ के साथ मैदान में मौजूद थीं?

इस्लामी इतिहास में जहाँ सहाबा-ए-किराम ने अपनी जानें क़ुर्बान कीं, वहीं बहादुर सहाबिया ने भी अद्भुत सेवाएँ अंजाम दीं।ग़ज़वा-ए-उहद में दो महान सहाबिया ने ऐसा

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यह वसीयत किस नबी ने अपने बेटों को की थी: “अल्लाह ने तुम्हारे लिए यही दीन पसन्द किया है, इसलिए मुसलमान ही मरना”

यह सवाल हमें याद दिलाता है कि अल्लाह ने सभी अंबिया के ज़रिये एक ही दीन भेजा — इस्लाम।नबी याकूब (अलैहिस्सलाम) ने भी आख़िरी वक़्त अपने

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क़यामत के दिन किसके कानों में शीशा पिघला कर डाला जाएगा?

इस्लाम में दूसरों की बातें छिपकर सुनना इस्लाम में दूसरों की बातें छिपकर सुनना एक बड़ा गुनाह बताया गया है।क़यामत के दिन ऐसे लोगों के लिए बहुत ही

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अल्लाह सुब्हानहु से ये बात किसने कही थी: “ए मेरे रब! मुझे दिखा कि तू मुर्दों को कैसे ज़िंदा करेगा?”

कुरआन में कई ऐसे वाक़ियात हैं जो इंसान के ईमान को मज़बूत करते हैं। उनमें से एक हज़रत इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) का वाक़िया है, जब उन्होंने अल्लाह तआला

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मुँह या नाक से खून बहने से रोज़ा टूट जाता है?

रमज़ान के महीने में रोज़ा रखते वक्त बहुत से लोगों के मन में ये सवाल आता है कि —अगर नाक या मुँह से खून निकल आए,

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किसी रोज़ेदार को इफ़्तार कराने वाले को क्या सवाब मिलेगा?

रमज़ान के महीने में रोज़ा रखना सिर्फ़ भूख-प्यास सहना नहीं, बल्कि नेकी और इनाम कमाने का सुनहरा मौक़ा है।लेकिन क्या आप जानते हैं — अगर आप किसी

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अल्लाह सुभानहु ने क़ुरआन में फ़रमाया: “वमा अदराका मल हुतमह” – हुतामा क्या है?

क़ुरआन मजीद में अल्लाह तआला ने कई जगह जहन्नम की सज़ाओं का ज़िक्र किया है।सूरह अल-हुमाज़ा में अल्लाह ने एक खास आग — “हुतामा” — का ज़िक्र किया

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क़ुरआन में जिब्रील (अलैहिस्सलाम) का नाम कितनी बार आया है?

जिब्रील (अलैहिस्सलाम) वो बरकतवाले फरिश्ते हैं जो अल्लाह तआला की तरफ़ से वही (इल्हाम) लेकर नबी और रसूलों के पास आते रहे।क़ुरआन मजीद में उनका नाम सिर्फ़

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रसूलअल्लाह ﷺ ने फरमाया: “वो हम में से नहीं जो क्या नहीं करता”

कभी-कभी छोटी-सी बातें हमारे ईमान और पहचान को ज़ाहिर करती हैं। इस्लाम में साफ-सफाई और सुन्नत पर अमल करना बहुत अहम है। ऐसी ही एक

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इनमें से जन्नत के बीच का दरवाज़ा किसे कहा गया है?

इस्लाम में वालिदैन (माता-पिता) का बहुत ऊँचा मुकाम है। जहाँ माँ के कदमों के नीचे जन्नत बताई गई है, वहीं वालिद (पिता) को जन्नत के बीच के दरवाज़े के तौर पर

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कौन-से सहाबी के लिए रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया कि उनके जनाज़े को फ़रिश्ते उठा रहे थे?

उस ख़ुशनसीब सहाबी का क्या नाम है जिनके लिए रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया था: “तुम पर मेरे माँ-बाप क़ुर्बान हों”? इस्लामी इतिहास में कुछ सहाबा-ए-किराम

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इनमें से वो कौन-सी सूरह है जिसमें एक ही आयत में अल्लाह तआला के 9 नाम लिए गए हैं?

क़ुरआन-ए-मजीद में अल्लाह तआला ने अपने बहुत से सुंदर और पाक नामों (अस्मा-उल-हुस्ना) का ज़िक्र किया है। हर नाम में अल्लाह की किसी न किसी

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कुरआन मजीद में कितने सज्दा-ए-सहव हैं?

इस्लाम में नमाज़ (सलात) एक बहुत अहम इबादत है। यह सिर्फ़ अल्लाह से राब्ता (संबंध) का ज़रिया नहीं, बल्कि बंदे की ग़लतियों की तर्बियत (सुधार) का भी

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रसूलुल्लाह ﷺ का मुबारक नाम “मुहम्मद” क़ुरआन में कितनी बार आया है?

क़ुरआन-ए-पाक में अल्लाह तआला ने अपने प्यारे रसूल ﷺ का ज़िक्र अनगिनत जगहों पर उनकी शान, रहमत और मिशन के साथ किया है।लेकिन क्या आप जानते हैं

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अल्लाह ने क़ुरआन में फ़रमाया “कअन्नहु जिमालतुन सुफ़र”— यह किस चीज़ के लिए तश्बीह दी गई है?

क़ुरआन मजीद में अल्लाह तआला ने इंसान को आख़िरत की हक़ीक़त समझाने के लिए कई जगहों पर बेहद गहरी और सोचने वाली तश्बीहें (उदाहरण) दी हैं। उन्हीं

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अल्लाह सुब्हानहु ने मूसा (अलैहि सलाम) को कौन-सी जगह बुलाकर हुक्म दिया कि “फ़िरऔन के पास जाओ, वो ज़ुल्म में हद से आगे निकल गया है”?

क़ुरआन करीम में हज़रत मूसा (अलैहि सलाम) का वाक़िआ एक बहुत बड़ा सबक है। अल्लाह तआला ने उन्हें सीधे “वादि-ए-तुवा” नामक मुक़द्दस जगह पर बुलाया और एक अहम हुक्म

अल्लाह सुब्हानहु ने मूसा (अलैहि सलाम) को कौन-सी जगह बुलाकर हुक्म दिया कि “फ़िरऔन के पास जाओ, वो ज़ुल्म में हद से आगे निकल गया है”? जवाब देखे »

क़यामत के दिन आसमान कहाँ होंगे?

क़यामत का दिन ऐसा होगा जब पूरी कायनात हिल जाएगी, पहाड़ रेत की तरह बिखर जाएंगे और आसमान तक लपेट दिए जाएंगे। अल्लाह तआला अपनी

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सूरह फ़ातिहा में अल्लाह सुब्हानहु के कितने नाम हैं (जिसमें “अल्लाह” भी शामिल है)?

सूरह फ़ातिहा, जिसे उम्मुल किताब यानी “क़ुरान की माँ” कहा गया है, पूरी क़ुरान का सार है।इस छोटी सी सूरह में अल्लाह तआला की तारीफ़, रहमत और मालिक़ियत का

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क़ुरान करीम की वह कौन सी सूरह है जिसकी पहली आयत में अल्लाह सुब्हानहु ने उन फरिश्तों की क़सम खाई है जो रूह निकालते हैं?

क़ुरान करीम में अल्लाह तआला ने अपनी क़ुदरत और हिकमत को बयान करने के लिए कई जगहों पर क़सम खाई है।कुछ क़समें उन फरिश्तों की भी हैं

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कुरान के हिसाब से “अम्मारह (أَمَّارَةٌ)” क्या है?

कुरान-ए-पाक में इंसान के नफ़्स के तीन दर्ज़े बताए गए हैं — नफ़्स-ए-अम्मारह, नफ़्स-ए-लव्वामा और नफ़्स-ए-मुतमइन्ना।इनमें से नफ़्स-ए-अम्मारह वह है जो इंसान को बुराई और गुनाह की तरफ़ उकसाता है। आइए जानते हैं

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जिब्रील अलैहिस्सलाम अकसर कौनसे सहाबी की सूरत में रसूल-ए-अल्लाह ﷺ के पास तशरीफ़ लाया करते थे?

अल्लाह के फरिश्तों में सबसे मुक़र्रब फरिश्ता हैं — जिब्रील (अलैहिस्सलाम)। वो वही फरिश्ता हैं जो अल्लाह के हुक्म से वही लेकर नबी ﷺ के पास आते

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कुरान के हिसाब से “अल-लव्वामह (اللَّوَّامَةُ)” क्या है?

कुरान में नफ़्स के तीन मरातिब (स्तर) बताए गए हैं —1️⃣ नफ़्स-ए-अम्मारह — जो बुराई की तरफ़ उकसाता है।2️⃣ नफ़्स-ए-लव्वामह — जो गुनाह करने पर खुद को मलामत (डाँट) करता है।3️⃣ नफ़्स-ए-मुतमइन्ना — जो अल्लाह

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वो कौन सी सहाबिया थीं जो रसूल-अल्लाह ﷺ का पसीना मुबारक बरकत के लिए इस्तेमाल करती थीं?

इस्लाम के सुनहरे इतिहास में बहुत सी सहाबियात ((रज़ियल्लाहु अन्हा)) ऐसी गुज़री हैं जिन्होंने रसूल-अल्लाह ﷺ से बेपनाह मोहब्बत की।उनकी अकीदत (श्रद्धा) और मोहब्बत का

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वो कौन-से नबी की क़ौम के लोग थे जिन्हें अल्लाह ने अज़ाब के बाद मौत दी और फिर ज़िंदा किया?

अल्लाह तआला ने अपनी किताब क़ुरआन करीम में कई क़ौमों का ज़िक्र किया है जिन पर उनके गुनाहों और नाफ़रमानी की वजह से अज़ाब आया।लेकिन कुछ क़ौमों को अल्लाह

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जो निकाह की ताक़त नहीं रखता, उसे क्या करना चाहिए?

इस्लाम ने इंसान की फितरत और जरूरतों का पूरा खयाल रखा है। शादी (निकाह) इंसानी ज़िंदगी का अहम हिस्सा है — ये नफ़्स की हिफाज़त,

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रसूलअल्लाह ﷺ ने इनमें से किसे बुत-परस्त की तरह कहा है?

इस्लाम में शराब को “उम्मुल खबाएस” यानी बुराइयों की मां कहा गया है। यह इंसान की अक्ल को छीन लेती है, गुनाहों का दरवाज़ा खोल

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क़ुरान के हिसाब से हरूत और मारूत क्या हैं?

क़ुरान करीम में दो फरिश्तों — हरूत और मारूत — का ज़िक्र आता है।इन दोनों का ज़िक्र उस वक्त के लोगों के संदर्भ में किया गया है

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मेराज की रात रासूलअल्लाह ﷺ दूसरे आसमान पर ईसा (अलैहिस्सलाम) से मिले। उस वक़्त उनके साथ कौन से नबी थे जिन्हें जिब्रील (अलैहिस्सलाम) ने “ख़ाला ज़ाद भाई” कहा?

इस्रा और मेराज की मुबारक रात में जब अल्लाह तआला ने अपने हबीब रासूलअल्लाह ﷺ को आसमानों की सैर कराई,तो हर आसमान पर एक या एक से

मेराज की रात रासूलअल्लाह ﷺ दूसरे आसमान पर ईसा (अलैहिस्सलाम) से मिले। उस वक़्त उनके साथ कौन से नबी थे जिन्हें जिब्रील (अलैहिस्सलाम) ने “ख़ाला ज़ाद भाई” कहा? जवाब देखे »

कुरान के हिसाब से अल्लाह के नेक बंदों की एक पहचान क्या है जब जाहिल लोग उनसे गुफ्तगू करते हैं?

कुरान मजीद में अल्लाह तआला ने अपने नेक (इबादतगुज़ार) बंदों की कई खूबसूरत सिफ़ात (गुण) बयान की हैं। उनमें से एक बड़ी खूबसूरत बात यह है कि जब जाहिल (अज्ञान)

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