रमज़ान के महीने की वह बरकत वाली रात कौन-सी है जब कुरआन नाज़िल हुआ?

Ramzan Raat Quran Nuzool

रमज़ान का महीना अपनी बरकतों और रहमतों के लिए जाना जाता है, लेकिन इस पाक महीने में एक ऐसी रात है जिसकी अहमियत हजारों महीनों से भी ज़्यादा है। इसी रात अल्लाह ने अपनी आखिरी किताब क़ुरान को नाजिल करना शुरू किया था। क्या आप जानते हैं वो कौनसी रात है?

सवाल: रमज़ान के महीने की वह बरकत वाली रात कौन-सी है जब कुरआन नाज़िल हुआ?

  • A. लैलतुल क़द्र (कद्र की रात)
  • B. लैलतुल मेराज (मेराज की रात)
  • C. लैलतुल बराअह (माफ़ी की रात)
  • D. लैलतुल क़मर (चाँद की रात)

सही जवाब है: ऑप्शन A , लैलतुल क़द्र (कद्र की रात)

तफ़सील (विवरण):

सही जवाब है लैलतुल क़द्र है, जिसे कद्र की रात भी कहते हैं। इसी मुबारक रात में क़ुरान, प्यारे नबी मुहम्मद (ﷺ) पर सबसे पहले नाज़िल होना शुरू हुआ था।

क़ुरान में अल्लाह ताला फरमाता है,
“कद्र की रात एक हज़ार महीनों से बेहतर है।”
क़ुरान 97:3

यह रात रमज़ान के आखिरी दस दिनों में आती है और मुसलमान इसे इबादत और दुआओं में गुजारते हैं।

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