फ़तेह मक्का इस्लाम के इतिहास का वह मुक़द्दस लम्हा था जब रहमतुल्लिल आलमीन ﷺ अपने सिर को झुकाए, अल्लाह की हम्द करते हुए मक्का में दाख़िल हुए।
इस मौके पर नबी ﷺ की ज़ुबान मुबारक से कौन-सी सूरह की तिलावत हो रही थी? आइए जानते हैं उस पाक सूरह का नाम और उसकी अहमियत।
सवाल: फ़तेह मक्का के दिन आप ﷺ अपनी ऊँटनी पर सवार होकर कौन-सी सूरह की तिलावत फरमा रहे थे?
- A. सूरह मुहम्मद
- B. सूरह अल-फ़ातिहा
- C. सूरह अल-फ़तह
- D. सूरह अल-इख़लास
सही जवाब है: ऑप्शन C , सूरह अल-फ़तह
तफ़सील (विवरण):
📖 दलील (हदीस)
हज़रत अब्दुल्लाह बिन मुग़फ़्फ़ल (रज़ि.अ) से रिवायत है कि:
“मैंने रसूलुल्लाह ﷺ को देखा, फ़तेह मक्का के दिन वो अपनी ऊँटनी पर सवार थे और सूरह अल-फ़तह की तिलावत फरमा रहे थे।”
📕 सहीह बुख़ारी, जिल्द 6, हदीस 5034
🌷 सीख
- सूरह अल-फ़तह का मतलब है “फतह” यानी जीत।
- यह सूरह अल्लाह की मदद, नबी ﷺ की नबूवत की सच्चाई और ईमान वालों की जीत की निशानी है।
- इस सूरह की तिलावत करते हुए नबी ﷺ ने विनम्रता और शुक्र अदा करने का पैग़ाम दिया।



