क़ुरान का नाज़िल होना इस्लाम में एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक वाक़या है। यह सिलसिला 23 साल तक चला। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अल्लाह ने अपने प्यारे नबी पर सबसे पहले कुरआन की कौनसी आयतें नाज़िल फ़रमाई थीं?
सवाल: रसूलअल्लाह ﷺ पर सबसे पहले नाज़िल होने वाली आयतें किस सूरह की थीं?
- A. सूरह अल-फ़ातिहा
- B. सूरह मुहम्मद ﷺ
- C. सूरह अल-अलक़
- D. सूरह अल-इख़लास
सही जवाब है: ऑप्शन C , सूरह अल-अलक़
तफ़सील (विवरण):
दलील (सबूत):
सही जवाब यह है कि रसूल-अल्लाह (ﷺ) पर नाज़िल होने वाली कुरआन की सबसे पहली 5 आयतें सूरह अल-अलक़ की थीं, जब फ़रिश्ता जिब्रील (अ.स.) ग़ार-ए-हिरा में आए थे। इन आयतों में इल्म (ज्ञान) और अल्लाह की मख़लूक़ (सृष्टि) का ज़िक्र है।
- “इक़रा बिस्मि रब्बिका अल्लज़ी ख़लक़” (पढ़ अपने रब के नाम से जिसने पैदा किया।)
- “ख़लक़ल इनसाना मिन अलक़” (जिसने इंसान को ख़ून के लोथड़े से पैदा किया।)
- “इक़रा वा रब्बुका अल-अकरम” (पढ़, और तेरा रब बड़ा करम करने वाला है।)
- “अल्लज़ी अल्लामा बिल-क़लम” (जिसने इंसान को क़लम के ज़रिए (इल्म) सिखाया।)
- “अल्लमा अल-इनसाना मा लम या’लम” (जिसने इंसान को वह सिखाया जो वह (इंसान) नहीं जानता था।)