कुरआन की किस सूरह में अल्लाह ने फ़रमाया कि “तुम सब अल्लाह के मोहताज और फ़क़ीर हो”?

इंसान अक़्सर अपने इल्म, माल या ताक़त पर ग़ुरूर कर बैठता है, लेकिन कुरआन मजीद हमें बार-बार याद दिलाता है कि असल में हम सब अल्लाह के मोहताज (ज़रूरतमंद) हैं, और वही एक है जो बेनियाज़ (ग़नी) है। आइए जानते हैं वह मुक़द्दस आयत कौन सी है।

सवाल: कुरआन की किस सूरह में अल्लाह ने फ़रमाया कि “तुम सब अल्लाह के मोहताज और फ़क़ीर हो”?

  • A. सूरह बक़रह
  • B. सूरह फ़ातिर
  • C. सूरह माइदा
  • D. सूरह अंबिया

सही जवाब है: ऑप्शन B , सूरह फ़ातिर

तफ़सील (विवरण):

📜 दलील (आयत):

بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ
“ऐ लोगो! तुम सब अल्लाह के मोहताज (ज़रूरतमंद) हो, और अल्लाह बेनियाज़ है, हर तारीफ़ का ख़ुद हक़दार है।”
📕 सूरह फ़ातिर: आयत 15


🌿 सीख:

यह आयत हमें सिखाती है कि —

  • इंसान चाहे जितना भी क़ाबिल, दौलतमंद या ताक़तवर हो जाए, वो अल्लाह के सामने एक मोहताज बंदा है।
  • अल्लाह ही ग़नी (बेनियाज़) है, जिसे किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं।
  • हमें हर वक़्त अल्लाह का शुक्र अदा करना चाहिए और उससे मदद माँगनी चाहिए, क्योंकि असली सहारा सिर्फ़ वही है।

🌸 नसीहत:

कभी भी अपने माल, इल्म या रुतबे पर ग़ुरूर मत करो। याद रखो, हर चीज़ अल्लाह की दी हुई है, और वो चाहे तो एक लम्हे में सब कुछ छीन सकता है। इसलिए हमेशा अल्लाह के सामने झुको और उसकी बंदगी में लग जाओ — यही असली राहत और कामयाबी है।

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