इस्लामी जानकारी हिंदी में

अल्लाह सुब्हानहु से ये बात किसने कही थी: “ए मेरे रब! मुझे दिखा कि तू मुर्दों को कैसे ज़िंदा करेगा?”

कुरआन में कई ऐसे वाक़ियात हैं जो इंसान के ईमान को मज़बूत करते हैं। उनमें से एक हज़रत इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) का वाक़िया है, जब उन्होंने अल्लाह तआला […]

अल्लाह सुब्हानहु से ये बात किसने कही थी: “ए मेरे रब! मुझे दिखा कि तू मुर्दों को कैसे ज़िंदा करेगा?” जवाब देखे »

क़ुरआन में जिब्रील (अलैहिस्सलाम) का नाम कितनी बार आया है?

जिब्रील (अलैहिस्सलाम) वो बरकतवाले फरिश्ते हैं जो अल्लाह तआला की तरफ़ से वही (इल्हाम) लेकर नबी और रसूलों के पास आते रहे।क़ुरआन मजीद में उनका नाम सिर्फ़

क़ुरआन में जिब्रील (अलैहिस्सलाम) का नाम कितनी बार आया है? जवाब देखे »

किस रात में इंसान की तक़दीर यानी रिज़्क, उम्र और मौत का वक्त लिखा जाता है?

हर इंसान ये जानना चाहता है कि उसकी तक़दीर यानी रिज़्क, उम्र और मौत का वक्त कब लिखा जाता है। इस्लाम हमें बताता है कि ये सब एक मुबारक रात में

किस रात में इंसान की तक़दीर यानी रिज़्क, उम्र और मौत का वक्त लिखा जाता है? जवाब देखे »

अगर कोई मुसलमान किसी दूसरे मुसलमान को “अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह” कहता है तो उसे कितनी नेकियाँ मिलती हैं?

इस्लाम में सलाम करना सिर्फ़ एक आदत या तहज़ीब नहीं, बल्कि एक इबादत और सवाब वाला अमल है। जब कोई मुसलमान दूसरे मुसलमान को सलाम करता है, तो वह प्यार,

अगर कोई मुसलमान किसी दूसरे मुसलमान को “अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह” कहता है तो उसे कितनी नेकियाँ मिलती हैं? जवाब देखे »

असहाब-उल-हिज्र कौन थे?

क़ुरआन में कई क़ौमों का ज़िक्र आता है जो अपनी नाफ़रमानी की वजह से हलाक कर दी गईं।ऐसी ही एक क़ौम थी — असहाब-उल-हिज्र जिन्होंने पहाड़ों

असहाब-उल-हिज्र कौन थे? जवाब देखे »