किस रात में इंसान की तक़दीर यानी रिज़्क, उम्र और मौत का वक्त लिखा जाता है?

हर इंसान ये जानना चाहता है कि उसकी तक़दीर यानी रिज़्क, उम्र और मौत का वक्त कब लिखा जाता है। इस्लाम हमें बताता है कि ये सब एक मुबारक रात में तय किया जाता है — जिसे शब-ए-क़द्र कहा जाता है।

सवाल: किस रात में इंसान की तक़दीर यानी रिज़्क, उम्र और मौत का वक्त लिखा जाता है?

  • A. शब-ए-क़द्र
  • B. शब-ए-मेराज
  • C. शब-ए-बराअत
  • D. हर रात

सही जवाब है: ऑप्शन A , शब-ए-क़द्र

तफ़सील (विवरण):

दलील

۞ अल्लाह तआला क़ुरआन-ए-करीम में फ़रमाता है:
“हमने इस क़ुरआन को मुबारक रात (शब-ए-क़द्र) में नाज़िल किया, बेशक हम (अज़ाब से) डराने वाले थे। इसी रात में तमाम दुनिया के हिकमत व मसलेहत के (साल भर के) काम (फ़ैसले) किए जाते हैं।”

📕 सूरह अद-दुख़ान 44:3-4

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *