क्या आप जानते हैं कि अल्लाह तआला हर रात अपने बंदों से ख़ास अंदाज़ में रहमत और मग़फिरत की पुकार करता है? ये कोई एक ख़ास रात नहीं बल्कि हर रात का वो लम्हा होता है जब दुआएं ज़रूर क़बूल होती हैं।
सवाल: वो कौन-सी रात है जब अल्लाह तआला आसमानी दुनिया पर नुज़ूल फरमाता है और फरमाता है “कौन है मांगने वाला जिसे मैं अता करूं?”
- A. शब-ए-क़द्र
- B. शब-ए-बराअत
- C. शब-ए-मेराज
- D. हर रात
सही जवाब है: ऑप्शन D , हर रात
तफ़सील (विवरण):
दलील
۞ नबी-ए-करीम (ﷺ) का फ़रमान है:
“अल्लाह सुब्हानहु तआला हर दिन आख़िरी रात के पहर में आसमानी दुनिया पर आता है और यह ऐलान करता है: ‘कौन है जो मुझे पुकारे ताकि मैं उसकी दुआ क़बूल करूं? कौन है जो मुझसे सवाल करे ताकि मैं उसे दूं? कौन है जो मुझसे मग़फ़िरत तलब करे ताकि मैं उसे माफ़ कर दूं।’”
📕 सहीह बुख़ारी 6321



