कयामत के दिन का चित्रण करने वाली कुरआन की आयतें मन को दहला देने वाली हैं। उस दिन इंसान के सारे अमल सामने होंगे और हर किसी को उसके कर्म का हिसाब मिलेगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी भी जगह होगी जहाँ कुछ लोग ऐसे होंगे जो न तो पूरी तरह जन्नत में होंगे और न ही दोज़ख में? वे एक ऊँची दीवार पर खड़े होंगे, जहाँ से वे दोनों ही समूहों को देख सकेंगे।
सवाल: उस दीवार का क्या नाम है जिस पर से जन्नत और दोज़ख दोनों के अंदर रहने वाले लोग दिखते हैं?
- A. नहल
- B. अनफाल
- C. आराफ
- D. पुल-ए-सिरात
सही जवाब है: ऑप्शन C , आराफ
तफ़सील (विवरण):
दलील:
इस दीवार और उस पर मौजूद लोगों का स्पष्ट वर्णन पवित्र कुरआन की सूरह ‘अल-आराफ’ में किया गया है। अल्लाह तआला फरमाता है:
“और उन दोनों समूहों के बीच एक अवरोधक दीवार (हायल) होगी, और ऊँची जगहों (आराफ) पर कुछ ऐसे लोग होंगे जो हर एक को उसके चिह्न (या कर्म) से पहचान लेंगे। और वे जन्नत वालों की ओर पुकारकर कहेंगे: ‘तुमपर सलामती हो।’ ये (आराफ वाले) जन्नत में तो दाखिल नहीं हुए, परंतु वे (उसकी) आशा रखते हैं।”
📕 सूरह अल-आराफ (7:46-47)
संक्षेप में:
- आराफ एक ऊँची दीवार या ऊँचा स्थान है जो जन्नत और जहन्नम के बीच में होगा।
- इस पर कुछ विशिष्ट लोग होंगे जिनके पुण्य और पाप लगभग बराबर होंगे।
- ये लोग दोनों ओर के लोगों को पहचान सकेंगे और उनसे बातचीत भी कर सकेंगे।
- अंततः अल्लाह की दया से इन्हें भी जन्नत में दाखिल कर दिया जाएगा।


