वो सहाबी जिनकी मौत पर अल्लाह का अर्श हिला, वो किसकी दावत पर इस्लाम कुबूल किए थे?

इस्लाम के इतिहास में कुछ ऐसे महान लोग हुए हैं जिनकी इबादत और तक्वा ने उनके जीवन और मृत्यु दोनों को ही अद्भुत चमत्कारों से सजा दिया। ऐसे ही एक सहाबी थे सअद बिन मुआज़ रज़ियल्लाहु अन्हु, जिनकी महानता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके देहांत पर ख़ुद अल्लाह के अर्श ने हिलकर उन्हें विदाई दी।

सवाल: वो सहाबी जिनकी मौत पर अल्लाह का अर्श हिला, वो किसकी दावत पर इस्लाम कुबूल किए थे?

  • A. सअद बिन वक़ास (राज़ी )
  • B. उबई बिन काब (राज़ी )
  • C. मुआज़ बिन जबल (राज़ी )
  • D. मुसअब बिन उमैर (राज़ी )

सही जवाब है: ऑप्शन D , मुसअब बिन उमैर (राज़ी )

तफ़सील (विवरण):

दलील:

इस बात की पुष्टि हदीस-ए-नबवी से होती है। रसूलअल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:

“सअद बिन मुआज़ (राज़ी) की मौत पर अर्श हिला।”
📖 सहीह बुखारी, जिल्द 5, हदीस 3803

कहानी का सार:

  • दावत देने वाले: मुसअब बिन उमैर (राज़ी) को रसूलअल्लाह ﷺ ने मदीना (उस समय यसरीब) भेजा था ताकि वह लोगों को इस्लाम की दावत दें।
  • दावत कबूल करने वाले: मुसअब बिन उमैर (राज़ी) की ही दावत और कोशिशों के नतीजे में, अन्सार के एक बड़े नेता सअद बिन मुआज़ (राज़ी) और उनके पूरे क़बीले बनू अशहल ने इस्लाम कुबूल किया।
  • मौत पर अर्श का हिलना: बाद में, सअद बिन मुआज़ (राज़ी) इस्लाम के लिए इतने महत्वपूर्ण साबित हुए कि उनकी शहादत के समय एक चमत्कार हुआ। रसूलअल्लाह ﷺ ने खुद बताया कि उनकी मौत पर अल्लाह का अर्श हिल उठा, जो किसी इंसान के लिए बेहद बड़ा सम्मान है।

इस प्रकार, सहाबी सअद बिन मुआज़ (राज़ी) थे, जिनकी मौत पर अर्श हिला, और उन्हें इस्लाम की दावत मुसअब बिन उमैर (राज़ी) ने दी थी।

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