हमारा दिन कई छोटे-बड़े कामों से भरा होता है, और इस्लाम ने हमारे हर छोटे काम को इबादत बनाने का तरीका बताया है। इसमें यात्रा करना भी शामिल है। चाहे हम कार, बाइक, बस या किसी भी सवारी पर सफर कर रहे हों, इस्लाम हमें एक खास दुआ पढ़कर सफर की शुरुआत करने का तरीका सिखाता है। यह दुआ न सिर्फ हमें सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि हमारे अंदर अल्लाह के एहसान का एहसास भी जगाती है।
सवाल: वह कौन सी दुआ है जो लफ़्ज़ “सुब्हान” से शुरू होती है?
- A. घर से बाहर निकलने की दुआ
- B. मस्जिद में दाखिल होने की दुआ
- C. सवारी पर सवार होने की दुआ
- D. हज्ज के लिए इहराम पहनने की दुआ
सही जवाब है: ऑप्शन C , सवारी पर सवार होने की दुआ
तफ़सील (विवरण):
दलील:
यह दुआ सीधे पवित्र कुरआन से ली गई है। अल्लाह तआला सूरह अज़-ज़ुखरुफ में फरमाता है:
سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ
“पाक है वह (अल्लाह) जिसने इस सवारी को हमारे क़ाबू में कर दिया, वरना हम में ताक़त न थी। और हमें अपने रब की तरफ ही लौट कर जाना है।”
📖 सूरह अज़-ज़ुखरुफ (43:13-14)
संक्षेप में समझें:
- दुआ का अर्थ: यह दुआ असल में अल्लाह की तारीफ़ और उसके एहसान का एहसास है। हम कहते हैं कि सारी पवित्रता उस अल्लाह के लिए है, जिसने हमारे लिए यह सवारी आसान की, नहीं तो हम इसे काबू कर पाने की ताक़त न रखते। साथ ही, हम यह भी याद दिलाते हैं कि हमें अल्लाह के पास ही लौटकर जाना है।
- शुरुआत: इस दुआ की शुरुआत ‘सुभान’ शब्द से होती है, जिसका अर्थ है “पवित्र है” या “सारी पवित्रता उसके लिए है”।
- महत्व: इस दुआ को पढ़ने का मतलब है कि हम सफर की शुरुआत अल्लाह के नाम से कर रहे हैं, उसकी नेमत को पहचान रहे हैं और उससे अपनी सुरक्षा की दुआ मांग रहे हैं। यह हमें घमंड से बचाती है और शुक्रगुजार बनाती है।

