इस्लाम में दो बड़ी ईद मनाई जाती हैं, जिनमें से एक है ईद-उल-अज़हा। यह ईद ज़ुल-हिज्जा के महीने में आती है और एक ऐसे अजीम वाकये की याद दिलाती है जो अल्लाह के एक प्यारे नबी ने अल्लाह के हुक्म पर अपनी सबसे अज़ीज़ चीज़ क़ुर्बान करने की तैयारी करके पेश किया था। क्या आप जानते हैं वो कौन सा वाक़या है?
सवाल: ईद-उल-अज़हा किस वाक़िये की याद में मनाई जाती है?
- A. रमज़ान का ख़त्म होना
- B. नबी ﷺ की विलादत
- C. इब्राहीम अ.स. की क़ुर्बानी का जज़्बा
- D. मदीना की तरफ हिजरत
सही जवाब है: ऑप्शन C , इब्राहीम अ.स. की क़ुर्बानी का जज़्बा
तफ़सील (विवरण):
सही जवाब है, ईद-उल-अज़हा को पैगंबर इब्राहिम (अ.स.) की अल्लाह की रज़ा में अपने बेटे की क़ुर्बानी देने के जज़्बे को याद करने के लिए मनाया जाता है। यह क़ुरान में बयान किया गया एक वाक़या है जो अल्लाह के हुक्म के आगे पूरी तरह झुकने की मिसाल है।
👉 इस्माईल (अ.स.) की क़ुरबानी का तफ़सीली वाक़िया पढ़ने के लिए यहाँ देखें: बाप और बेटे की क़ुरबानी
यह वाक़या हमें सिखाता है कि अल्लाह की मर्ज़ी के सामने अपनी मर्ज़ी को क़ुर्बान कर देना ही सब्र और ईमान की पहचान है।