क़ियामत के दिन हर इंसान के आमाल (अच्छे और बुरे काम) का हिसाब-किताब होगा। उस दिन मोमिन के तराज़ू में कौन सा अमल सबसे भारी होगा? इसका जवाब हदीस-ए-मुबारका में साफ तौर पर मिलता है।
सवाल: क़ियामत के दिन मोमिन का मीज़ान (तराज़ू) में सबसे वज़नदार अमल कौन सा होगा?
- A. दूसरों की ज़रूरत पूरी करना
- B. नमाज़-ए-तहज्जुद
- C. अल्लाह के लिए एक-दूसरे से मोहब्बत करना
- D. अच्छे अख़लाक़
सही जवाब है: ऑप्शन D , अच्छे अख़लाक़
तफ़सील (विवरण):
दलील
۞ नबी-ए-करीम (ﷺ) का फ़रमान है:
“क़ियामत के दिन मोमिन के मीज़ान (तराज़ू) में अख़लाक़-ए-हसना (अच्छे अख़लाक़) से भारी कोई चीज़ नहीं होगी।”
📕 जामे तिर्मिज़ी 2002



