रमज़ान का महीना सिर्फ़ रोज़ों और इबादतों का नहीं, बल्कि यह वो मुबारक महीना है जिसमें क़ुरआन-ए-करीम का नुज़ूल हुआ — जो पूरी इंसानियत के लिए हिदायत और रहनुमाई का ज़रिया बना। आइए जानते हैं कि इसका ज़िक्र क़ुरआन की किस सूरह में आया है।
सवाल: रमज़ान के महीने में क़ुरआन का नुज़ूल किस सूरह में आया है?
- A. अल-बक़रह
- B. अल-आराफ़
- C. अत-तौबह
- D. अल-क़सस
सही जवाब है: ऑप्शन A , अल-बक़रह
तफ़सील (विवरण):
दलील
۞ अल्लाह तआला क़ुरआन की सूरह बक़रह में फ़रमाता है:
“रमज़ान का वो महीना है जिसमें क़ुरआन का नुज़ूल हुआ, जो तमाम इंसानियत के लिए हिदायत और रहनुमाई है।”
📕 क़ुरआन 2:185


