रमज़ान की रातें रहमत, मग़फ़िरत और बरकतों से भरपूर होती हैं। इन रातों में की जाने वाली इबादत का सवाब कई गुना बढ़ा दिया जाता है। खासतौर पर रमज़ान की रातों में नमाज़ पढ़ना गुनाहों की माफी का ज़रिया बनता है।
सवाल: रमज़ान की (रातों में) नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत क्या है?
- A. पिछले गुनाहों की माफ़ी
- B. क़ब्र में आसानी
- C. पुल-सिरात पर आसानी
- D. सही जवाब का इंतज़ार
सही जवाब है: ऑप्शन A , पिछले गुनाहों की माफ़ी
तफ़सील (विवरण):
दलील
۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:
“जिसने रमज़ान की रातों में ईमान और सवाब की नीयत से नमाज़ पढ़ी, उसके पिछले तमाम गुनाह माफ़ कर दिए जाएंगे।”
📕 सहीह बुखारी, जिल्द 3, हदीस 2009


