जब कोई कलिमा पढ़कर अपने ईमान का ऐलान करता है, तो इसे क्या कहते हैं?

Kalima Iman Ailan

इस्लाम का पहला और सबसे ज़रूरी स्तंभ (pillar) अल्लाह की एकता और पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) की पैग़ंबरी को स्वीकार करना है। इस पाक और अज़ीम इक़रार को एक ख़ास नाम से जाना जाता है। क्या आप जानते हैं वो क्या कहलाता है?

सवाल: जब कोई कलिमा पढ़कर अपने ईमान का ऐलान करता है, तो इसे क्या कहते हैं?

  • A. शहादा
  • B. सलात
  • C. ज़कात
  • D. हज्ज

सही जवाब है: ऑप्शन A, शहादा

तफ़सील (विवरण):

इस्लाम की बुनियाद को शहादा कहा जाता है। शहादा इस्लाम का सबसे अहम और बुनियादी अक़ीदा (विश्वास) है, जो अल्लाह की एकता और पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) की पैग़ंबरी का ऐलान करता है। इसे इस तरह से पढ़ा जाता है:

“अश्हदु अन ला इलाहा इल्लल्लाह व अश्हदु अन्न मुहम्मदन रसूलुल्लाह”

जिसका मतलब है: “मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं है और मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद अल्लाह के पैगंबर हैं।”

शहादा इस्लाम के पाँच स्तंभों में से पहला है और किसी भी शख्स के इस्लाम क़ुबूल करने के लिए यह बहुत ज़रूरी है। यह दुनिया भर के मुसलमानों के बुनियादी अक़ीदे को दर्शाता है।

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