नबी-ए-पाक ﷺ के ज़माने में मक्का के लोगों ने आपसे आपकी सच्चाई का सबूत (मुअजज़ा) मांगा।
अल्लाह तआला ने अपने हबीब ﷺ के हाथों एक ऐसा अजीबो-गरीब मुअजज़ा दिखाया, जिसे देखकर लोग दंग रह गए — और आज तक यह मुअजज़ा कुरआन और हदीसों में दर्ज है।
सवाल: जब मक्का के लोगों ने रसूल-अल्लाह ﷺ से मुअजज़ा माँगा, तो उन्होंने क्या दिखाया?
- A. जिन्नात को स्तंभ (खंभे) से बाँधा
- B. खजूर के तने से कलमा पढ़वाया
- C. उंगलियों से पानी निकलवाया
- D. चाँद को टुकड़े किया
सही जवाब है: ऑप्शन D , चाँद को टुकड़े किया
तफ़सील (विवरण):
📖 दलील (प्रमाण):
۞ बिस्मिल्लाह-हिर-रहमान-निर-रहीम ۞
हदीस:
अनस (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है:
“जब मक्का के लोगों ने रसूल-अल्लाह ﷺ से मुअजज़ा मांगा, तो आपने चाँद को दो टुकड़े करके दिखाया।”
📕 सहीह बुखारी, जिल्द 5, हदीस 3637
🌸 सबक
यह हदीस इस बात का सबूत है कि रसूल-अल्लाह ﷺ अल्लाह के मुजज़ा (चमत्कार) के ज़रिए वो सब कुछ दिखाने में क़ादिर थे जो अल्लाह चाहें।
चाँद का दो टुकड़े होना (शक्क-उल-क़मर) इस्लामी इतिहास का एक महान मुअजज़ा है, जो नबी ﷺ की सच्चाई और नुबूवत की सबसे बड़ी निशानी है।



