अल्लाह तआला ने अपने कई नबियों को ख़ास ख़ास मौजज़े (चमत्कार) दिए।
हज़रत सुलेमान (अलैहिस्सलाम) को दी गई सबसे अनोखी नेमतों में से एक थी — हवा पर उनका इख़्तियार (नियंत्रण)।
वो हवा के ज़रिए इतनी तेज़ी से सफ़र करते थे कि एक सुबह या शाम में पूरा एक महीने का रास्ता तय कर लेते थे।
सवाल: सुलेमान (अलैहिस्सलाम) हवा के ज़रिए एक सुबह में कितना सफर तय कर लेते थे?
- A. 70 दिन का
- B. 1 महीने का
- C. 2 महीने का
- D. 7 दिन का
सही जवाब है: ऑप्शन B , 1 महीने का
तफ़सील (विवरण):
📖 दलील (प्रमाण):
۞ बिस्मिल्लाह-हिर-रहमान-निर-रहीम ۞
क़ुरान:
“और हवा को (हमने) सुलेमान (अलैहिस्सलाम) के ताबे कर दिया।
उनकी सुबह की मंज़िल एक महीने की राह होती और शाम की मंज़िल भी एक महीने की होती।”
📖 सूरह सबा (34), आयत 12
“और तेज़ चलने वाली हवा सुलेमान (अलैहिस्सलाम) के ज़ेरे-फरमान कर दी गई,
जो उनके हुक्म से उनके मुल्क में चलती थी, जिसमें हमने बरकत रखी थी।”
📖 सूरह अल-अनबिया (21), आयत 81
🌸 सबक (सीख)
- अल्लाह तआला अपने नेक बंदों को ऐसी ताक़तें देता है जो आम इंसानों की समझ से परे होती हैं।
- हज़रत सुलेमान (अलैहिस्सलाम) को न सिर्फ हवा, बल्कि जिन्नात और जानवरों पर भी हुकूमत दी गई थी।
- ये आयत हमें याद दिलाती है कि असली ताक़त सिर्फ़ अल्लाह के पास है, जो जिसे चाहे, जितनी चाहे दे सकता है।
