कौन-सा ज़िक्र कहने पर ये फरमाया गया है कि बंदे को जो दिया गया है, वो उस चीज़ से अफ़ज़ल है जो उसने ली है?
हम सब अपनी ज़िंदगी में अल्लाह की दी हुई नेमतों से घिरे हुए हैं — सांस, सेहत, खाना, घर, परिवार, ईमान। लेकिन क्या आप जानते […]
हम सब अपनी ज़िंदगी में अल्लाह की दी हुई नेमतों से घिरे हुए हैं — सांस, सेहत, खाना, घर, परिवार, ईमान। लेकिन क्या आप जानते […]
कुरआन सिर्फ ज़ुबान से पढ़ने की चीज़ नहीं, बल्कि दिल से समझने और अमल करने की किताब है। लेकिन रसूलअल्लाह ﷺ ने ऐसे लोगों के
कुरआन सिर्फ़ तिलावत करने की किताब नहीं, बल्कि ज़िंदगी बदल देने वाला कलाम है। इस पर अमल करने से अल्लाह तआला क़ौमों को ऊँचाई देता
इन में से किसके ज़रिए अल्लाह सुब्हानहु किसी क़ौम को बुलंदी या ज़िल्लत देता है? जवाब देखे »