इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है रोज़ा रखना। यह एक ऐसी इबादत है जिसे हर मुसलमान, जो सेहतमंद हो, एक ख़ास महीने में करता है। आइए जानते हैं उस मुबारक महीने का नाम क्या है।
सवाल: इस्लामी कैलेंडर का वो कौन सा महीना है जिसमें मुसलमान रोज़े रखते हैं?
- A. शव्वाल
- B. रमज़ान
- C. ज़ुल-हिज्जा
- D. रजब
सही जवाब है: ऑप्शन B , रमज़ान
तफ़सील (विवरण):
सही जवाब रमज़ान है, जो इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है। रमज़ान को रोज़े का महीना कहा जाता है, जिसमें मुसलमान सुबह सादिक़ से लेकर सूरज डूबने तक खाने-पीने से परहेज़ करते हैं।
क़ुरान में अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं:
“ऐ ईमान वालो! तुम पर रोज़े फ़र्ज़ किए गए हैं, जिस तरह तुम से पहले वालों पर फ़र्ज़ किए गए थे, ताकि तुम परहेज़गार बन जाओ।”
हदीस में भी रमज़ान में रोज़े रखने की अहमियत और फ़ज़ीलत पर ज़ोर दिया गया है, जो इसके रूहानी और जिस्मानी फायदों को उजागर करती हैं।