कुरान के हिसाब से अल्लाह के नेक बंदों की एक पहचान क्या है जब जाहिल लोग उनसे गुफ्तगू करते हैं?

कुरान मजीद में अल्लाह तआला ने अपने नेक (इबादतगुज़ार) बंदों की कई खूबसूरत सिफ़ात (गुण) बयान की हैं। उनमें से एक बड़ी खूबसूरत बात यह है कि जब जाहिल (अज्ञान) लोग उनसे बात करते हैं, तो वे झगड़ा नहीं करते बल्कि अमन और शांति का जवाब देते हैं। आइए इस आयत को समझते हैं।

सवाल: कुरान के हिसाब से अल्लाह के नेक बंदों की एक पहचान क्या है जब जाहिल लोग उनसे गुफ्तगू करते हैं?

  • A. उनसे दो दिन तक बात नहीं करते
  • B. उनसे मुनाज़रा करते हैं
  • C. उनको आलिमों के पास भेज देते हैं
  • D. सलाम कह देते हैं

सही जवाब है: ऑप्शन D , सलाम कह देते हैं

तफ़सील (विवरण):

📖 दलील

۞ बिस्मिल्लाह-हिर-रहमान-निर-रहीम ۞

क़ुरान:
“अल्लाह के नेक बंदों की एक सिफ़त यह है कि वे ज़मीन पर नम्रता से (आहिस्तगी से) चलते हैं, और जब जाहिल लोग उनसे गुफ्तगू करते हैं, तो वे बस ‘सलाम’ कह देते हैं।
और वे वो लोग हैं जो अपने रब के आगे रात को सज्दा और क़याम में गुज़ारते हैं।”

📖 सूरह अल-फुरक़ान (25), आयत 63–64


🌸 सबक (सीख)

  • नेक बंदे झगड़े या बहस में नहीं पड़ते, बल्कि शांति और सब्र से जवाब देते हैं।
  • “सलाम” का मतलब सिर्फ़ अभिवादन नहीं, बल्कि अमन और दुआ का पैग़ाम है।
  • हमें भी चाहिए कि हम गुस्से और बहस की जगह अदब और तहज़ीब से पेश आएं।

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