इस्रा और मेराज की मुबारक रात में जब अल्लाह तआला ने अपने हबीब रासूलअल्लाह ﷺ को आसमानों की सैर कराई,
तो हर आसमान पर एक या एक से ज़्यादा नबियों से मुलाक़ात हुई।
दूसरे आसमान पर रासूलअल्लाह ﷺ की मुलाक़ात दो मुबारक नबियों से हुई —
ईसा (अलैहिस्सलाम) और याह्या (अलैहिस्सलाम) से।
इस मौके पर जिब्रील (अलैहिस्सलाम) ने फरमाया कि ये दोनों “ख़ाला-ज़ाद भाई” यानी मौसी के बेटे हैं।
सवाल: मेराज की रात रासूलअल्लाह ﷺ दूसरे आसमान पर ईसा (अलैहिस्सलाम) से मिले। उस वक़्त उनके साथ कौन से नबी थे जिन्हें जिब्रील (अलैहिस्सलाम) ने “ख़ाला ज़ाद भाई” कहा?
- A. सुलेमान (अलैहिस्सलाम)
- B. याह्या (अलैहिस्सलाम)
- C. ज़करिया (अलैहिस्सलाम)
- D. इलयास (अलैहिस्सलाम)
सही जवाब है: ऑप्शन B , याह्या (अलैहिस्सलाम)
तफ़सील (विवरण):
📖 दलील
۞ बिस्मिल्लाह-हिर-रहमान-निर-रहीम ۞
हदीस:
अब्बास बिन मालिक (रज़ि.) से रिवायत है कि मालिक बिन सअसा (रज़ि.) ने बयान किया:
रासूलअल्लाह ﷺ ने फरमाया:
“जिब्रील (अलैहिस्सलाम) मुझे दूसरे आसमान पर ले गए। वहाँ याह्या (अलैहिस्सलाम) और ईसा (अलैहिस्सलाम) मौजूद थे।
जिब्रील (अलैहिस्सलाम) ने कहा: ‘ये दोनों ख़ाला-ज़ाद भाई हैं।’
मैंने उन्हें सलाम किया, उन्होंने जवाब दिया और कहा: ‘ख़ुश आमदीद, नेक नबी और नेक भाई।’”
📖 सहीह बुख़ारी, जिल्द 5, हदीस 3887 (भाग)
🌸 सबक (सीख)
- मेराज का सफर रासूलअल्लाह ﷺ का बहुत बड़ा मौजज़ा था।
- हर आसमान पर अलग-अलग नबियों से मुलाक़ात का मक़सद यह दिखाना था कि तमाम नबी एक-दूसरे के भाई हैं।
- याह्या (अलैहिस्सलाम) और ईसा (अलैहिस्सलाम) दोनों मौसी के बेटे थे और दोनों ने अपनी कौम को अल्लाह की राह पर बुलाया।



