कुरान के हिसाब से “अल-लव्वामह (اللَّوَّامَةُ)” क्या है?

कुरान में नफ़्स के तीन मरातिब (स्तर) बताए गए हैं —
1️⃣ नफ़्स-ए-अम्मारह — जो बुराई की तरफ़ उकसाता है।
2️⃣ नफ़्स-ए-लव्वामह — जो गुनाह करने पर खुद को मलामत (डाँट) करता है।
3️⃣ नफ़्स-ए-मुतमइन्ना — जो अल्लाह की याद में सुकून पाता है।

सवाल: कुरान के हिसाब से “अल-लव्वामह (اللَّوَّامَةُ)” क्या है?

  • A. जन्नत की हूर
  • B. दोज़ख़ की आग
  • C. नफ़्स
  • D. क़यामत

सही जवाब है: ऑप्शन C , नफ़्स

तफ़सील (विवरण):

📖 दलील :

۞ बिस्मिल्लाह-हिर-रहमान-निर-रहीम ۞

“क़सम है क़यामत के दिन की,
और क़सम है नफ़्स-ए-लव्वामह की (जो अपने आपको मलामत करता है)।
क्या इंसान यह समझता है कि हम उसकी हड्डियों को इकट्ठा नहीं करेंगे?
क्यों नहीं, हम तो उसकी उंगलियों के सिरों तक को सही बनाने पर क़ादिर हैं।”

📕 सूरह अल-क़ियामह (75): आयत 1–4


💡 सीख

नफ़्स-ए-लव्वामह वह आत्मा है जो गलती करने पर अपने आप को दोष देती है और तौबा (पश्चाताप) की तरफ़ लौटती है।
यह इंसान के ईमान की निशानी है कि उसका ज़मीर गुनाह पर चैन नहीं लेने देता।

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