अल्लाह के फरिश्तों में सबसे मुक़र्रब फरिश्ता हैं — जिब्रील (अलैहिस्सलाम)। वो वही फरिश्ता हैं जो अल्लाह के हुक्म से वही लेकर नबी ﷺ के पास आते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे अक्सर एक खास सहाबी की सूरत में तशरीफ़ लाया करते थे?
सवाल: जिब्रील अलैहिस्सलाम अकसर कौनसे सहाबी की सूरत में रसूल-ए-अल्लाह ﷺ के पास तशरीफ़ लाया करते थे?
- A. ज़ैद अल-कलबी (रज़ि.)
- B. ज़िरार अल-अज़वर (रज़ि.)
- C. मुसअब बिन उमैर (रज़ि.)
- D. दिहया अल-कलबी (रज़ि.)
सही जवाब है: ऑप्शन D , दिहया अल-कलबी (रज़ि.)
तफ़सील (विवरण):
📖 दलील :
उम्मुल मोमिनीन उम्मे सलमा (रज़ियल्लाहु अन्हा) बयान करती हैं:
“जिब्रील अलैहिस्सलाम रसूल-ए-अल्लाह ﷺ के पास आए और उनसे बात करने लगे।
मैंने उन्हें दिहया अल-कलबी (रज़ि.) समझा।
बाद में रसूल-ए-अल्लाह ﷺ ने ख़ुतबे में बयान फ़रमाया कि वो जिब्रील अलैहिस्सलाम थे।”
📕 सहीह बुखारी (4980)
💡 सीख
यह हदीस बताती है कि जिब्रील अलैहिस्सलाम इंसानी शक्ल में भी नबी ﷺ के पास आया करते थे, और अक्सर वो दिहया अल-कलबी (रज़ि.) की सूरत में आते थे, क्योंकि वे बहुत खूबसूरत और शरीफ-उल-खलक़ थे।



