अल्लाह तआला ने इंसान को नेकियों की हिदायत दी है ताकि वो गुनाहों और फितनों से दूर रह सके। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस्लाम में एक ऐसी नेकी है जो इंसान को खुद ही बेहयाई और बुराई से रोकती है? आइए जानते हैं वो कौन सी है।
सवाल: वो कौन सी नेकी है जो इंसान को बेहयाई और बुराई से रोकती है?
- A. सिला-रहमी
- B. नमाज़ अदा करना
- C. ख़ैरात करना
- D. सही जवाब का इंतज़ार
सही जवाब है: ऑप्शन B , नमाज़ अदा करना
तफ़सील (विवरण):
📖 दलील:
बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम
अल्लाह तआला फ़रमाता है:
“ऐ रसूल! जो किताब तुम्हारे पास नाज़िल की गई है, उसकी तिलावत करो और पाबंदी से नमाज़ पढ़ो। बेशक नमाज़ बेहयाई और बुरे कामों से रोकती है, और अल्लाह की याद सबसे बड़ी चीज़ है। और जो कुछ तुम करते हो, अल्लाह उससे वाकिफ़ है।”
📕 सूरह अल-अनकबूत (29:45)
💭 सीख: इस आयत से ये साबित होता है कि नमाज़ सिर्फ एक इबादत नहीं, बल्कि इंसान के चरित्र को सुधारने का ज़रिया है। जो शख्स सच्चे दिल से नमाज़ पढ़ता है, उसकी ज़िंदगी में अल्लाह का डर और परहेज़गारी पैदा होती है, जो उसे बेहयाई और गुनाह से बचाती है।



