क्या कभी आपने नमाज़ में ध्यान भटकते हुए या क़ुरआन की आयतें भूलते हुए महसूस किया है?
ये भूलना सिर्फ़ लापरवाही नहीं — बल्कि एक ख़ास शैतान “ख़िनज़ब” की वजह से होता है, जैसा कि हदीस में बयान किया गया है।
सवाल: नमाज़ में क़ुरआन भुला देने वाले शैतान का नाम क्या है?
- A. इफ़रीत
- B. वलहान
- C. अब्यज़
- D. ख़िनज़ब
सही जवाब है: ऑप्शन D , ख़िनज़ब
तफ़सील (विवरण):
📖 दलील:
۞ बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम ۞
मफ़हूम-ए-हदीस:
उथमान बिन अबू अल-आस (रज़ि॰) ने अर्ज़ किया:
“या रसूलल्लाह ﷺ! शैतान मेरी नमाज़ में ख़याल में आता है और मुझे क़ुरआन भुला देता है।”
नबी ﷺ ने फ़रमाया:
“उस शैतान का नाम ख़िनज़ब है। जब तुम पर उसका असर महसूस हो, तो अल्लाह की पनाह मांगो और अपनी बाईं तरफ़ तीन बार हल्की थूक (फूँक) मारो।”
उथमान (रज़ि॰) कहते हैं:
“मैंने ऐसा किया तो अल्लाह ने उस शैतान को मुझसे दूर कर दिया।”
📕 सहीह मुस्लिम, जि. 6, हदीस 5738
🌙 तफ़सीर (व्याख्या):
“ख़िनज़ब” वह शैतान है जो बंदे की नमाज़ में ध्यान भटकाता है,
आयतें भूलवाता है, और ख़ुशू (एकाग्रता) को छीन लेता है।
नबी ﷺ ने इसका इलाज सिखाया —
अल्लाह की पनाह मांगना और बाईं तरफ़ तीन बार फूँकना।
🕋 सीख:
- नमाज़ के दौरान अगर ध्यान भटके या क़ुरआन भूल जाएँ,
तो “आऊज़ु बिल्लाहि मिनश्शैतानिर्रजीम” पढ़ें और बाईं ओर तीन बार हल्की फूँक मारें। - ये हदीस हमें सिखाती है कि हर वक़्त शैतान इंसान को गुमराह करने की कोशिश करता है,
इसलिए अल्लाह की पनाह माँगना ज़रूरी है।



