अल्लाह तआला ने नूह (अलैहिस्सलाम) की कश्ती को तूफ़ान के आज़ाब से बचाकर कहाँ ठहराया?

जब अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत से तूफ़ान का आज़ाब भेजा, तो पूरी धरती पानी से भर गई। लेकिन अल्लाह ने अपने नेक बंदे हज़रत नूह (अलैहिस्सलाम) और उनके साथियों को उस आज़ाब से महफ़ूज़ रखा। आइए जानते हैं कि आखिर वो कश्ती कहाँ ठहरी थी जब तूफ़ान थम गया।

सवाल: अल्लाह तआला ने नूह (अलैहिस्सलाम) की कश्ती को तूफ़ान के आज़ाब से बचाकर कहाँ ठहराया?

  • A. कोह-ए-तूर
  • B. वादी-ए-तुवा
  • C. जबल-ए-उहुद
  • D. कोह-ए-जूदी

सही जवाब है: ऑप्शन D , कोह-ए-जूदी

तफ़सील (विवरण):

📖 दलील

۞ बिस्मिल्लाह-हिर-रहमान-निर-रहीम ۞

कुरआन:
“और हुक्म दिया गया — ‘ऐ ज़मीन! अपना पानी निगल जा, और ऐ आसमान! थम जा।’ तो पानी सूख गया, और काम तमाम कर दिया गया, और कश्ती कोह-ए-जूदी पर जा ठहरी। और कहा गया: ‘ज़ालिम (बे-इंसाफ़) लोगों पर लानत हो।’”

📖 सूरह हूद (11), आयत 44


🌸 सबक (सीख)

  • अल्लाह अपने नेक बंदों को हर मुसीबत से बचा लेता है।
  • सब्र और तौहीद (अल्लाह की एकता पर ईमान) नूह (अलैहिस्सलाम) की ज़िंदगी की सबसे बड़ी सीख है।
  • जो लोग अल्लाह की नाफ़रमानी करते हैं, उन्हें आख़िरकार सज़ा मिलती है।

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