रसूलुल्लाह ﷺ का मुबारक नाम “मुहम्मद” क़ुरआन में कितनी बार आया है?

क़ुरआन-ए-पाक में अल्लाह तआला ने अपने प्यारे रसूल ﷺ का ज़िक्र अनगिनत जगहों पर उनकी शान, रहमत और मिशन के साथ किया है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ का मुबारक नाम “मुहम्मद”क़ुरआन में कुल कितनी बार आया है?
आइए, इस खूबसूरत इल्मी सवाल का जवाब हदीस और क़ुरआन की रोशनी में जानते हैं। 🌙

सवाल: रसूलुल्लाह ﷺ का मुबारक नाम “मुहम्मद” क़ुरआन में कितनी बार आया है?

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  • B. 7 बार
  • C. 5 बार
  • D. 4 बार

सही जवाब है: ऑप्शन D , 4 बार

तफ़सील (विवरण):

📖 दलील:

۞ बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम ۞

1️⃣ سورة آلِ عِمْرَان (3:144)

“मुहम्मद ﷺ तो बस एक रसूल हैं। उनसे पहले भी बहुत से रसूल गुज़र चुके हैं।”
📖 सूरह आले-इमरान, आयत 144

2️⃣ سورة الأَحْزَاب (33:40)

“मुहम्मद ﷺ तुम्हारे मर्दों में से किसी के बाप नहीं हैं, बल्कि वो अल्लाह के रसूल और आख़िरी नबी हैं।”
📖 सूरह अल-अहज़ाब, आयत 40

3️⃣ سورة مُحَمَّد (47:2)

“और जो लोग ईमान लाए और नेक अमल किए, और उस चीज़ पर ईमान लाए जो मुहम्मद ﷺ पर नाज़िल हुई — जो उनके रब की तरफ़ से हक़ है — अल्लाह उनके गुनाह माफ़ कर देगा और उनका हाल सुधार देगा।”
📖 सूरह मुहम्मद, आयत 2

4️⃣ سورة الفتح (48:29)

“मुहम्मद ﷺ अल्लाह के रसूल हैं, और जो लोग उनके साथ हैं, वो काफ़िरों पर सख़्त और आपस में रहमदिल हैं।”
📖 सूरह अल-फ़त्ह, आयत 29


🌺 तफ़सीर (व्याख्या):

अल्लाह तआला ने अपने प्यारे नबी ﷺ के नाम “मुहम्मद” को क़ुरआन में सिर्फ़ चार बार ज़िक्र किया,
मगर उनके गुण और मिशन का बयान सैकड़ों जगहों पर किया है।
इससे पता चलता है कि नाम से ज़्यादा अहम है — उनका संदेश और उनकी सुन्नत।


🕋 सीख:

  • “मुहम्मद” ﷺ का नाम सिर्फ़ चार बार आया, लेकिन उनकी शान और रहमत का ज़िक्र हर जगह मौजूद है।
  • हमें चाहिए कि हम उनकी सीरत (जीवन) और सुन्नत पर अमल करें —
    यही असली मोहब्बत-ए-रसूल ﷺ है।

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