जब अज़ान की पुकार गूँजती है, तो यह हमें अल्लाह की याद और नमाज़ की दावत की याद दिलाती है। लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते कि अज़ान के हर जुमले का जवाब क्या देना चाहिए। खासकर जब मुअज़्ज़िन कहे — “हय्या अलस्सलाह”, तो हमें क्या कहना चाहिए? आइए हदीस से जानते हैं इसका सही जवाब।
सवाल: जब अज़ान सुनो और ये अल्फ़ाज़ आए “हय्या अलस्सलाह”, तो इन में से क्या कहना चाहिए?
- A. अल्लाहु अकबर
- B. ला इलाहा इल्लल्लाह
- C. अल्हम्दुलिल्लाह लकल हम्द
- D. ला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाह
सही जवाब है: ऑप्शन D , ला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाह
तफ़सील (विवरण):
📖 दलील:
बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम
۞ हदीस:
जब मुअज़्ज़िन ने कहा “हय्या अलस्सलाह”, तो हज़रत मुआविया (रज़ि अल्लाहु अन्हु) ने जवाब में कहा:
“ला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाह”
(अल्लाह की मदद के बिना न गुनाह से बचने की ताक़त है और न ही नेकी करने की क़ुव्वत)।
और उन्होंने कहा कि हमने नबी करीम ﷺ से भी यही कहते हुए सुना है।
📕 सहीह बुखारी – हदीस नं. 613
💭 सीख:
अज़ान सिर्फ़ नमाज़ की बुलाहट नहीं, बल्कि ईमान की ताज़गी का वक़्त भी है। इसलिए जब “हय्या अलस्सलाह” या “हय्या अललफला” सुने जाएँ, तो मुसलमान को चाहिए कि वह “ला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाह” कहे — यानी यह मान ले कि नेकी की तौफ़ीक़ सिर्फ़ अल्लाह की तरफ़ से है।


