इस्लाम में शराब को “उम्मुल खबाएस” यानी बुराइयों की मां कहा गया है। यह इंसान की अक्ल को छीन लेती है, गुनाहों का दरवाज़ा खोल देती है और उसे अल्लाह की याद से गाफिल बना देती है।
रसूलअल्लाह ﷺ ने शराब के आदी व्यक्ति के बारे में बहुत सख्त चेतावनी दी — यहाँ तक कि उसे बुत-परस्त (मूर्तिपूजक) जैसा बताया।
सवाल: रसूलअल्लाह ﷺ ने इनमें से किसे बुत-परस्त की तरह कहा है?
- A. शराब पीने का आदी
- B. औरत जो क़ब्रों की ज़ियारत करती है
- C. शख़्स जो हमेशा झूठ बोलता है
- D. शख़्स जो सूद खाता है
सही जवाब है: ऑप्शन A , शराब पीने का आदी
तफ़सील (विवरण):
📖 दलील (प्रमाण):
۞ बिस्मिल्लाह-हिर-रहमान-निर-रहीम ۞
हदीस:
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है कि रसूलअल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
“शराब पीने का आदी बुत-परस्त की तरह होता है।”
📖 सुनन इब्न माजा, जिल्द 3, हदीस 256 — हसन
🌸 सबक (सीख)
- शराब इंसान को अल्लाह की इबादत और होश से दूर कर देती है।
- जो शख्स शराब का आदी बन जाए, वो धीरे-धीरे शिर्क जैसी हालत में चला जाता है, क्योंकि वो अपने नफ़्स और आदत का गुलाम बन जाता है।
- इस्लाम हमें हर उस चीज़ से बचने की हिदायत देता है जो इंसान को अल्लाह की राह से भटकाए।



