अल्लाह सुब्हानहु क़यामत के दिन इनमें से किसका चेहरा जहन्नम से महफ़ूज़ रखेगा?

इस्लाम में इंसान की इज़्ज़त और हिफ़ाज़त को बहुत अहमियत दी गई है। अक्सर लोग यह भूल जाते हैं कि किसी की गैर-मौजूदगी में उसकी इज़्ज़त की रक्षा करना भी एक इबादत है। आइए जानते हैं वह कौन-सा नेक अमल है जिसके बारे में रसूलअल्लाह ﷺ ने फ़रमाया कि अल्लाह तआला क़यामत के दिन उसके चेहरे को दोज़ख़ से बचाएगा।

सवाल: अल्लाह सुब्हानहु क़यामत के दिन इनमें से किसका चेहरा जहन्नम से महफ़ूज़ रखेगा?

  • A. जिसकी ज़बान से दूसरा मुसलमान महफ़ूज़ रहे
  • B. मुसलमान को कफ़न देने वाला
  • C. मुसलमान की इज़्ज़त की हिफ़ाज़त करने वाला
  • D. सही जवाब का इंतज़ार

सही जवाब है: ऑप्शन C , मुसलमान की इज़्ज़त की हिफ़ाज़त करने वाला

तफ़सील (विवरण):

📖 दलील (हदीस):

रसूलअल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:

“जो शख़्स अपने भाई की इज़्ज़त (उसकी गैर-मौजूदगी में) बचाए,
अल्लाह सुब्हानहु क़यामत के दिन उसके चेहरे को दोज़ख़ से बचाएगा।”
📕 जामिउ तिर्मिज़ी, जिल्द 2, हदीस: 1931


💡 सीख :

इस हदीस से हमें यह सीख मिलती है कि मुसलमान को अपने भाई की इज़्ज़त की हिफ़ाज़त करनी चाहिए — खासकर तब जब वह मौजूद न हो। दूसरों की बुराई करने के बजाय उनकी गैर-मौजूदगी में उनकी पैरवी करना एक बड़ा सवाब वाला अमल है। अल्लाह तआला ऐसे लोगों को क़यामत के दिन जहन्नम से महफ़ूज़ रखेगा।

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *