अज़ान देना सिर्फ़ नमाज़ की पुकार नहीं, बल्कि इस्लाम की पहचान और ईमान की गवाही है। अल्लाह के रसूल ﷺ ने अज़ान देने वालों को एक ख़ास इनाम की खुशख़बरी दी है — क़यामत के दिन उनकी गर्दनें सबसे लंबी होंगी। आइए जानते हैं इस हदीस की तफ़सील।
सवाल: क़यामत के दिन सबसे लंबी गर्दन किसकी होगी?
- A. जिहाद करने वालों की
- B. क़ुरआन हाफ़िज़ों की
- C. अज़ान देने वालों की
- D. हज करने वालों की
सही जवाब है: ऑप्शन C , अज़ान देने वालों की
तफ़सील (विवरण):
📖 दलील
۞ बिस्मिल्लाह-हिर-रहमान-निर-रहीम ۞
हदीस:
हज़रत मुआविया (रज़ि॰) से रिवायत है कि रसूल-अल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
“क़यामत के दिन मुअज़्ज़िनों (अज़ान देने वालों) की गर्दनें सब लोगों में सबसे लंबी होंगी।”
📕 सहीह मुस्लिम, जिल्द 1, हदीस 852
🌸 सीख
- अज़ान देना एक इबादत है जो अल्लाह के नाम को बुलंद करती है।
- जो लोग दूसरों को नमाज़ की याद दिलाते हैं, अल्लाह तआला उन्हें क़यामत के दिन इज़्ज़त और बुलंदी देगा।
- “सबसे लंबी गर्दन” का मतलब यह है कि उन्हें सबके सामने पहचान, सम्मान और सवाब मिलेगा।



