इस्लाम हमें नर्म दिल, रहमदिल और जिक्र-ए-इलाही में मग्न रहने की तालीम देता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनका दिल इतना सख्त हो जाता है कि वो अल्लाह की रहमत से दूर चले जाते हैं। आइए जानते हैं, रसूलअल्लाह ﷺ ने किस शख्स के बारे में फरमाया कि वो अल्लाह से बहुत दूर है।
सवाल: कौन-से शख्स के लिए इरशाद फरमाया गया है कि वो अल्लाह सुब्हानहु से बहुत दूर है?
- A. नाशुक्री करने वाले
- B. बहुत ज़्यादा बहस करने वाले
- C. जिसका दिल सख्त हो
- D. इनमें से कोई नहीं
सही जवाब है: ऑप्शन C , जिसका दिल सख्त हो
तफ़सील (विवरण):
📖 दलील:
बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम
۞ हदीस:
रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:
“अल्लाह सुब्हानहु के ज़िक्र के सिवा ज़्यादा बातें मत किया करो, क्योंकि अल्लाह के ज़िक्र के अलावा ज़्यादा बातें दिल की सख़्ती का कारण बनती हैं, और सख़्त दिल शख्स अल्लाह से बहुत दूर होता है।”
📕 मिशकातुल मसाबीह – हदीस: 2276 (सहीह)
💭 सीख:
जो दिल अल्लाह के ज़िक्र से खाली हो जाता है, वो धीरे-धीरे सख्त होता चला जाता है। ज़िक्र-ए-इलाही, तिलावत-ए-कुरआन और नमाज़ ही वो तरीके हैं जिनसे दिल में नर्मी, रहम और अल्लाह का ख़ौफ़ पैदा होता है। जो इंसान इनसे दूर होता है, वो अल्लाह की रहमत से भी दूर चला जाता है।



