रसूलअल्लाह ﷺ ने फरमाया “ईमान सिमट कर ………….. में इस तरह आ जाएगा जैसे साँप सिमट कर बिल में आ जाता है”

कयामत के नज़दीक आने से पहले दुनिया में बड़े बड़े फितने और अफरा-तफरी फैलेगी। ऐसे में सच्चा ईमान दुर्लभ होता जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब पूरी दुनिया में ईमान की रोशनी धीमी पड़ने लगेगी, तो वह आखिरी बारी किस जगह जमा होगी? पैगंबर मुहम्मद ﷺ ने एक बहुत ही सटीक उदाहरण देकर इसकी तस्वीर पेश की है।

सवाल: रसूलअल्लाह ﷺ ने फरमाया “ईमान सिमट कर ………….. में इस तरह आ जाएगा जैसे साँप सिमट कर बिल में आ जाता है”

  • A. मदीने में
  • B. मक्का में
  • C. काबा में
  • D. आसमान में

सही जवाब है: ऑप्शन A , मदीने में

तफ़सील (विवरण):

दलील:

इस भविष्यवाणी का स्पष्ट वर्णन हज़रत अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत एक सहीह हदीस में मिलता है। रसूलअल्लाह ﷺ ने फरमाया:

“(कयामत के करीब) ईमान मदीने में सिमट कर इस तरह आ जाएगा जैसे साँप सिमट कर अपने बिल में आ जाता है।”
📕 सहीह बुखारी, हदीस 1876

संक्षेप में समझें:

  • उदाहरण: साँप का अपने बिल में सिमटना। जिस तरह एक साँप खतरे के समय फुर्ती से अपने सुरक्षित घर (बिल) में चला जाता है और वहीं दिखाई देता है, उसी तरह आखिरी ज़माने में असली और मजबूत ईमान भी दुनिया से सिमटकर सिर्फ मदीना मुनव्वरा में ही केंद्रित रह जाएगा।
  • महत्व: यह हदीस मदीने के पवित्र शहर के विशेष महत्व और ईमान के लिए एक सुरक्षित ठिकाने होने को दर्शाती है। यह मदीना के लोगों और वहाँ बसने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी भी है।
  • चेतावनी: यह एक भविष्यवाणी भी है जो बताती है कि दुनिया के बाकी हिस्सों में ईमानी माहौल कमज़ोर पड़ सकता है, लेकिन मदीना उस समय भी ईमान का गढ़ बना रहेगा।

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