इनमें से किस पर अल्लाह तआला ने लानत की है?

इस्लाम में बिदअत (नवाचार) यानी ऐसे काम जो दीन में नबी ﷺ और सहाबा के ज़माने में नहीं थे, उन्हें ईजाद करना बहुत बड़ा गुनाह माना गया है।
रसूल-ए-अकरम ﷺ ने ऐसे लोगों से सख्त एहतियात करने की हिदायत दी है — और हदीस में साफ तौर पर बताया गया है कि जो बिदअती को जगह देता है, उस पर अल्लाह की लानत होती है

सवाल: इनमें से किस पर अल्लाह तआला ने लानत की है?

  • A. बिदअती को जगह देने वाले पर
  • B. बिदअती को जगह देने वाले पर
  • C. फ़र्ज़ नमाज़ बिना पढ़े सो जाने वाले पर
  • D. ज़िना करने वाले पर

सही जवाब है: ऑप्शन B , बिदअती को जगह देने वाले पर

तफ़सील (विवरण):

📖 दलील (प्रमाण):

۞ बिस्मिल्लाह-हिर-रहमान-निर-रहीम ۞

हदीस:
अबू तुफैल आमिर (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है:

“मैं हज़रत अली (रज़ियल्लाहु अन्हु) के पास बैठा था। एक शख्स आया और बोला: ‘रसूल-अल्लाह ﷺ ने आपको ज़रूर कोई बात छुपकर बताई होगी।’
हज़रत अली (रज़ियल्लाहु अन्हु) नाराज़ हुए और फरमाया:
‘रसूल-अल्लाह ﷺ ने मुझे ऐसी कोई बात नहीं बताई जो लोगों से छुपाई हो, सिवाय चार बातों के:
➊ जो अपने वालिद पर लानत करे, उस पर अल्लाह की लानत है।
➋ जो अल्लाह के सिवा किसी और के लिए क़ुर्बानी करे, उस पर अल्लाह की लानत है।
➌ जो दीन में नया काम (बिदअत) निकालने वाले को जगह दे, उस पर अल्लाह की लानत है।
➍ जो ज़मीन की निशान बदल दे, उस पर अल्लाह की लानत है।’”

📕 सहीह मुस्लिम, जिल्द 5, हदीस 5124


🌸 सबक (सीख)

इस हदीस से हमें यह सिखने को मिलता है कि बिदअत और बिदअती लोगों की हिम्मायत इस्लाम में नापसंदیدہ है।
जो लोग ऐसे काम करने वालों को जगह, इज़्ज़त या सहूलियत देते हैं, वे भी गुनाह में शरीक हो जाते हैं।
इसलिए एक सच्चे मोमिन को चाहिए कि वह सिर्फ़ सुन्नत को अपनाए और बिदअत से दूर रहे।

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