अल्लाह तआला ने अपनी किताब क़ुरआन करीम में कई क़ौमों का ज़िक्र किया है जिन पर उनके गुनाहों और नाफ़रमानी की वजह से अज़ाब आया।
लेकिन कुछ क़ौमों को अल्लाह ने अपनी रहमत से मौत देने के बाद दोबारा ज़िंदा भी किया, ताकि वो तौबा करें और शुक्रगुज़ार बनें।
ऐसा एक वाक़िया हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की क़ौम के साथ पेश आया।
सवाल: वो कौन-से नबी की क़ौम के लोग थे जिन्हें अल्लाह ने अज़ाब के बाद मौत दी और फिर ज़िंदा किया?
- A. इदरीस (अलैहिस्सलाम)
- B. ईसा (अलैहिस्सलाम)
- C. मूसा (अलैहिस्सलाम)
- D. यूनुस (अलैहिस्सलाम)
सही जवाब है: ऑप्शन C , मूसा (अलैहिस्सलाम)
तफ़सील (विवरण):
📖 दलील (प्रमाण):
۞ बिस्मिल्लाह-हिर-रहमान-निर-रहीम ۞
क़ुरआन:
“और जब तुमने कहा: ‘ऐ मूसा! हम हरगिज़ ईमान नहीं लाएँगे जब तक कि अल्लाह को सामने न देख लें।’
तो तुमको बिजली ने आ घेरा, और तुम देखते ही रह गए।
फिर (अल्लाह ने) तुम्हें मौत के बाद दोबारा ज़िंदा किया, ताकि तुम शुक्रीया अदा करो।”
📖 सूरह अल-बक़रह (2): आयत 55–56
🌸 सबक (सीख)
- यह वाक़िया इंसान के घमंड और नाफ़रमानी पर अल्लाह की सज़ा का बयान है।
- लेकिन साथ ही यह बताता है कि अल्लाह रहम करने वाला और ज़िंदगी देने वाला है।
- इंसान को अल्लाह के हुज़ूर ईमान और आज़माइश में सब्र करना चाहिए, न कि नबी से नामुमकिन माँगें करना।



